Wednesday, 29 April 2015

कहां गई ‘आप’ की ईमानदारी

कहां गई ‘आप’ की ईमानदारी


देवेश तिवारी
नैतिकता और ईमानदारी का पाठ पढ़ाने वाली ‘आम आदमी पार्टी’ दिल्ली मे दोबारा से सरकार बनाने के बाद नैतिकता व ईमानदारी क्या होती है। यह बात वह स्वयं ही भूल गई है। तभी तो 49 दिनों की सरकार के बाद अब वह चाहे कुछ भी हो कान मे तेल डालकर बैठी नजर आती है। एक समय वह भी था जब लोकसभा चुनाव के पहले ‘आप’ के संयोजक देश के ईमानदार व बेईमानों की लिस्ट लेकर बैठे नजर आते थे उन्हे अब अपनी ही पार्टी मे कुछ भी गलत नही नजर आ रहा है। देश के नेताओं को पानी पीकर गाली देने वाले अरविन्द केजरीवाल अपने ही पार्टी मे चल रही उठापटक के लिये बोलना तो दूर उस ओर देखना तक नही चाहते हैं। बल्कि मीडिया को ही भला बुरा कहकर उसे बिका हुआ करार देते हैं। जिस दिल्ली मे कानून बनाने का काम सरकार का हो और उसी के मंत्री के डिग्री मामले मे समूची दिल्ली मे उठापटक मची हो लेकिन ‘आप’ के सर्वेसर्वा अरविन्द केजरीवाल उस मामले पर चुप्पी साधे बैठे हैं। जबकि दिल्ली के कानून मंत्री जितेन्द्र तोमर के इस्तीफे को लेकर पूरा विपक्ष एक सुर मे सुर मिलाकर साथ खड़ा दिख रहा है। आपको यह भी याद होगा कि इससे पहले 49 दिन की सरकार मे आप के पूर्व कानून मंत्री सोमनाथ भारती भी विवादों मे खूब रहे हैं। अब ऐसी दिल्ली मे कानून व्यवस्था पटरी पर कैसे रहेगी इसका तो भगवान ही मालिक है।

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