चंद्र ग्रहण में आज रखे ये कुछ खास सावधानियां
देवेश तिवारी
क्या करे, क्या न करे?
साल का पहला खग्रास चंद्र ग्रहण शनिवार चार मार्च को पड़ेगा। पंडित के.डी. पाण्डेय के अनुसार यह चंद्र ग्रहण भारत के साथ ही अमेरिका हिंद महासागर आदि देशों में देखा जा सकता है। ग्रहण का प्रारंभ भारतीय समयानुसार 3:21 दोपहर से हो जाएगा। भारत में ग्रहण शाम के 6:24 बजे से शुरू होकर 7:16 बजे तक रहेगा। करीब 52 मिनट तक ग्रहण पर्वकाल रहेगा। ग्रहण के बाद यज्ञोपवीत व कुश का दान करें।
बैशाख स्नान कर बढ़ेगा दान का मान
पंडित के.डी. पाण्डेय ने बताया कि चैत्र शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर बैशाख स्नान की शुरूआत शनिवार से होगी। स्कन्द पुराण के अनुसार बैशाख को स्नानके लिए सर्वश्रेष्ठ महीना माना गया है।
ज्योतिषाचार्य पंडित के.डी. पाण्डेय के अनुसार बैशाख से सूर्यादय से पहले पहले जो व्यक्ति स्नान व व्रत करता है वह भगवान विष्णु का कृपापात्र होता है। इस साल बैशाख स्नान की शुरूआत चंद्र ग्रहण के दिन से हो रही है। शास्त्रों के अनुसार ग्रहण के कारण इस बार का स्नान अति फलदायक साबित होगा। ग्रहण के दिन शनिवार को तडके स्नान के बाद जल दान करने से विशेष फल मिलेगा। इस महीने प्याउ, पंखा, खरबूजा व अन्य शीतल फल दान करना चाहिए।
सूतक काल के समय बरतें सावधानी
मान्यता है कि ग्रहण के नौ घंटे भोजन व जल वर्जित
गर्भवती महिलाएं इस दौरान गेरू का लेप लगाएं
मूर्ति स्पर्श न करें
इस दौरान सोया भी नहीं जाता है
सूतक काल में मंदिर के पट रहने चाहिए
ग्रहण के समय विद्या अर्जन पर भी रोक
ग्रहण के बाद पकने वाले भोजन में कुश का इस्तेमाल करें
यदि घर के बाहर निकले तो आंखों को ढक लें
लंबी दूरी की यात्रा से बचना चाहिए
क्या है सूतक
कर्मकांड विशेषज्ञ ने बताया कि ज्योतिष में मान्यता है कि ग्रहण के दौरान केतु चंद्रमा का ग्रास करता है इस क्षण को ग्रहण कहते हैं। इस समय चंद्र देव नौ घंटे बिना किसी की पूजा किए अन्न जल भी नहीं ग्रहण करते हैं। मान्यता है कि केतु की छाया चंद्रमा के जिस अंग पर पड़ता है वह अंग चंद्र देव अपने शरीर से निकाल कर अलग कर देते हैं। चंद्र देव पर यह सबसे अधिक संकट की स्थिति होती है।
इन राशियों के जातकों पर पड़ेगा प्रभाव
चंद्र ग्रहण हस्थ नक्षत्र और कन्या राशि पर होगा। यह कन्या राशि पर भारी होगा।
मेष कर्क वृश्चिक धनु मकर कुंभ राशि के लिए यह ग्रहण फायदेमंद साबित होगा।
वृष मिथुन सिंह तुला मीन के लिए यह ग्रहण फलकारी नहीं होगा।
तंत्र मंत्र यंत्र के लिए यह ग्रहण का शुभ फलकारी है। यह दीक्षा लेने के लिए सही समय है।
ग्रहण का सूतक काल सूर्योदय से प्रारंभ हो जाएगा जो कि ग्रहण के मोक्ष काल तक रहेगा।
No comments:
Post a Comment