रिफ्यूजी बंगालियों को पुलिस ने किया घर में नजर बन्द
देवेश तिवारी
सन् 1976 में इंद्रा गांधी आवास के तहत इन रिफ्यूजी बंगालियों को केंद्र सरकार ने कानपुर के भौंती स्थित महेंद्र नगर कालोनी में बसाया था। जहां पर यह लोग तब से रहकर अपना जीवन यापन कर रहे थे। लेकिन अब इनकी जमीन पर इलाके के ही भूमाफियाओं की नजर पड़ गई और वह इनकी जमीनों को फर्जी तरीके से हथियाने में लग गए।
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक को कानपुर के भौंती स्थित गौशाला में एक निजी कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे। जो की पुरूषोत्तम तोषनीवाला का है, और तोषनीवाल पर ही इन रिफ्यूजी बंगालियों का आरोप है कि वह उनकी जमीनों पर कब्जा करके गौशाले का विस्तार करते जा रहे है।
अपनी शिकायत को लेकर यह रिफ्यूजी बंगाली सभी एकत्रित होकर माहामहिम से मिलना चाहते थे। लेकिन जैसे ही यह खबर प्रशासन को लगी, तुरंत पुलिस ने इस कालोनी में घुसकर रिफ्यूजियों के झोपडों के बाहर पुलिस बल को तैनात कर दिया। और उनमें रहने वाले बंगाली को परिवार से साथ घरों में नजर बंद कर दिया। रिफ्यूजी बंगालियों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें धमकी दी है कि अगर वह अपने घरों से बाहर निकले, तो उन्हें अरेस्ट कर जेल भेज दिया जाएगा।
नाराज रिफ्यूजियों ने गुस्से में गांव के ही एक मंदिर प्रांगढ़ में पुलिस उत्पीड़न के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज कराया। जब हमने इस मामले पर गांव में मौजूद एसीएम से बात करनी चाही, तो वह बात करने से इंकार करते रहे। इतना ही नहीं एसएसपी शलभ माथुर भी इस मामले से मुंह फेरते हुए चुपचाप बने रहे। फिलहाल बंगाली रिफ्यूजी पुलिस के इस रवैए से खासे नाराज है और इसके खिलाफ कोर्ट जाने की बात कह रहे हैं।
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