Monday 13 April 2015

ये भी फाइव स्टार

ये भी फाइव स्टार



देवेश तिवारी
लो जी अब एक्टिविस्ट भी फाइव स्टार हो गए हैं। पहले यही झोलाछाप होते थे। कोई प्रधानमंत्री पर चाहे कितना ही इल्जाम लगाए कि वे फाइव स्टार जिदंगी जीते हैंए दस लाख का सूट पहनते हैंए डिजाइनर कुर्ते तथा बंडियां पहनते हैंए जो सुना है उनके पास सैकड़ों की तादाद में हैंए लेटेस्ट गैजेट्स माने मोबाइल आदि का इस्तेमाल करते हैं और अकसर विदेश ही रहते हैं.सैर सपाटे में। पर यह दोष लगाने वाले भूल जाते हैं कि कभी वे स्वयंसेवक भी थेए प्रचारक भी थेए और बकौल खुद प्रधानमंत्री वहां आने वाले पत्रकारों के लिए कुर्सियां बिछाते थे। और हांए यह क्यों भूल जाते हैं कि वे चाय भी बेचा करते थे। लोगों को उनका चाय बेचना इतना पसंद आया कि उन्हें प्रधानमंत्री ही बना दिया। वोट लेना हो तो वे अपने आपको पिछड़ी जाति का भी बता सकते हैं जैसा कि चुनावों के दौरान प्रियंका गांधी की टिप्पणी के जवाब में किया। पर ये सब चीजें राज दिलाने के काम आती हैं और राज तो भोगने की चीज हाेती है। अब तो वे कार्पोरेट केए उद्योगपतियों के और बिजनेस के हिमायती मान लिए गए हैं। और यह भी मान लिया गया है कि वे फाइव स्टार जिंदगी जीते हैं। पर सच पूछो तो उन्हें कई चीजें फाइव स्टार पसंद नहीं।
जैसे उन्हें फाइव स्टार एनजीओ वाले पसंद नहीं हैं। पता नहीं यह कौन होते हैंघ् शायद वे होते होंए जो उद्योगपतियों के लिए भूमि अधिग्रहण को मुश्किल बना देते हैं या फिर जो विदेश आते.जाते हैं। पर विदेश तो प्रधानमंत्री भी खूब आते.जाते हैं। फिर उन्हें फाइव स्टार बुद्धिजीवी भी पसंद नहीं हैं। पता नहीं यह कौन होते हैंघ् शायद वे उन वामपंथियों को फाइव स्टार बुद्धिजीवी मानते हों.जो इतिहासकार हैं और प्रधानमंत्री के इतिहास ज्ञान का मजाक बनाते हैं। अब पता चला है कि उन्हें फाइव स्टार एक्टिविस्ट भी पसंद नहीं। उन्होंने ऐसे फाइव स्टार एक्टिविस्टों से बचकर रहने की सलाह दी। शायद ये वे लोग हों जो जनहित याचिकाएं डालते हैं। लोग कह रहे हैं कि इन्हीं की वजह से तो कोयला और टू जी टाइप के घोटाले सामने आए थेए जिनसे चुनाव जीतने में मोदी को मदद मिली। पर हो सकता है बात यह भी हो कि जब मोदी का जीवन फाइव स्टार हो चुका है तो देश में कोई दूसरा फाइव स्टार क्यों हो। जैसे एक जंगल में दो शेर नहीं हो सकतेए वैसे ही एक देश में फाइव स्टार प्रधानमंत्री और फाइव स्टार एक्टिविस्ट एक साथ नहीं रह सकते। इसलिए फाइव स्टार एनजीओ वालोए फाइव स्टार बुद्धिजीवियोए फाइव स्टार एक्टिविस्टो सावधान!

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